000 | 02488nam a2200241Ia 4500 | ||
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003 | OSt | ||
005 | 20240406112615.0 | ||
008 | 240406b |||||||| |||| 00| 0 eng d | ||
020 | _a9788170282280 | ||
040 | _cIISER BPR | ||
041 | _aHindi | ||
082 |
_a891.433 _bMOH _223rd |
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100 | _aMohan Rakesh | ||
245 | 0 |
_aMohan Rakesh ki sampurna kahaniyaan _6880.02 |
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250 | _a1st ed. | ||
260 |
_aNew Delhi: _bRajpal and Sons, _cc2023. |
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300 |
_a523p. : _bhb. ; _c22cm. |
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520 | _aमोहन राकेश (८ जनवरी १९२५-३ जनवरी १९७२) नई कहानी आन्दोलन के सशक्त हस्ताक्षर थे। पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए किया। जीविकोपार्जन के लिये अध्यापन । कुछ वर्षो तक 'सारिका' के संपादक । 'संगीत नाटक अकादमी' से सम्मानित । वे हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और उपन्यासकार हैं। मोहन राकेश की डायरी हिंदी में इस विधा की सबसे सुंदर कृतियों में एक मानी जाती है। उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं; उपन्यास: अंधेरे बंद कमरे, अन्तराल, न आने वाला कल; नाटक: आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस, आधे अधूरे, अण्डे के छिलके; कहानी संग्रह: क्वार्टर तथा अन्य कहानियाँ, पहचान तथा अन्य कहानियाँ, वारिस तथा अन्य कहानियाँ; निबंध संग्रह: परिवेश; अनुवाद: मृच्छकटिक, शाकुंतलम; यात्रा वृताँत: आखिरी चट्टान । | ||
650 | _aHindi Literature | ||
650 | _aHindi Fiction/Stories | ||
880 |
_aमोहन राकेश की संपूर्ण कहानियां _6245.02 |
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942 |
_cBK _2ddc |
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999 |
_c3947 _d3947 |